भारत और चीन की रक्षा सेना लद्दाख मे आमने सामने हैं। सभी के मन मे यह सवाल है कि क्या युद्ध होगा?
सूर्य ग्रहण पर कई भविष्यवाणी की गयी कि युद्ध के हालत काफी प्रबल है। इस प्रश्न को मेरे मन मे भी जानने की इच्छा हुई।भारतीय स्थिति काफी मजबूत है खासकर अंतर्राष्ट्रीय मंच पर। भारत आक्रामक रुख मे है परन्तु कोई कदम नहीं उठाएगा। वैसे भी भारत की युद्ध मे पहल न करने की राष्ट्रीय नीति है। ग्रह दर्शाते हैं कि भारतीय रुख मे आक्रामकता के साथ नियंत्रण बना रहेगा।
इसके साथ ही चीन भी आक्रामक दिखेगा परन्तु वह भारत की तरफ कोई कदम नहीं उठा पायेगा। चीन कोशिश करेगा कि वह भारत की छवि को ख़राब करे परन्तु वह सफल नहीं होगा।
प्रश्न कुंडली मे शुक्र महादशा मे राहु की अन्तर्दशा और शनि का प्रत्यंतर है। शनि वक्री हैं और प्रत्यंतर २८ सितम्बर २०२० तक रहेगा।
तनातनी
की स्थिति बनी रहेगी परन्तु पूर्ण युद्ध नहीं होगा। सितम्बर के बाद स्थिति पूर्ण सामान्य हो जाने
की सम्भावना है।
युद्ध होने की सम्भावना ना के बराबर है।
--------------------------------------------------
ज्योतिषीय विश्लेषण का फलित
विश्लेषण सत्य सिद्ध हुआ
जो लोग केपी
एस्ट्रोलॉजी जानते हैं उनके लिए यहाँ संक्षेप मे विश्लेषण दिया जा रहा है ;
प्रश्न
का विवरण निम्नलिखित है ;
केपी नंबर = १३
दिनांक = २६ जून २०२०
समय = ८ बजकर ३९ मिनट ५० सेकंड
दिन = शुक्रवार
स्थान = ग्रेटर नॉएडा वेस्ट, उत्तर प्रदेश (७७ deg २५ min पूर्व , २८ deg २५ min उत्तर
सॉफ्टवेयर = ज्योतिष दीपिका
यह क्योंकि देश के लिए प्रश्न था तो लग्न को देश माना।
१. लग्न सबलार्ड मंगल है जो शनि के नक्षत्र एवं सब मे है। शनि वक्री हैं। मंगल जल तत्व की राशि मीन पर हैं।
मo
11'-1-8
शo (व)
10''-11-2-3-4'-9-8-12
शo (व)
10''-11-2-3-4'-9-8-12
8 - 12 विपक्षी का बल एवं अपना नुकसान दिखते हैं। परन्तु 11 - 1 -10 " - 2 मंगल को बलि बनाते हैं। अतः भारत की स्थिति मजबूत हैं परन्तु वक्री शनि कोई भी आक्रामक कदम (युद्ध सम्बन्धी ) नहीं उठाने देगा।
२. सप्तम भाव विपक्षी जो दर्शाता हैं। यदि सप्तम सबलार्ड मे 8 - 12 प्रबल हो तो विपक्ष (चीन) बलि होगा और हमलावर हो सकता हैं।
सप्तम सबलार्ड शुक्र हैं। शुक्र सौम्य ग्रह हैं परन्तु अपनी राशि वृषभ मे विराजमान हैं। वृषभ पृथ्वी तत्व राशि हैं अतः व्यावहारिक आचरण दिखती हैं। यह राशि वृषभ (सांड ) की तरह ही आक्रामक दिखती है और प्रायः स्वयं आक्रामक कदम नहीं उठती है।
अतः चीन भी आक्रामक रुख दिखायेगा और बीच बीच मे हुंकार मारेगा और डरायेगा।
शुo
1'-2-7'-5
चo
5-4-2
मo
11'-1-8
यहाँ भी 5 -11 हैं जो मित्रता के परिचायक हैं (यहाँ युद्ध सम्बन्धी विषय मे यह आक्रमण की सम्भावना को बहुत कम करते हैं) | शुक्र , चंद्र आक्रामक राशि वृषभ एवं सिंह पर विराजमान हैं और मंगल सबलार्ड है तो रुख आक्रामक होगा परन्तु आक्रमण का मन बनाना अत्यंत कठिन हैं।
शुक्र महादशा स्वामी भी हैं अतः युद्ध की सम्भावना को बहुत काम करते हैं।
अन्तर्दशा राहु की हैं।
राo
2-3'''-7-6''-11''-12-5-10-1-8
मo
11'-1-8
सूo
3-5-6-10
अन्तर्दशा मे भी 2 -6 - 10 - 11 - 5 प्रबल हैं अतः अन्तर्दशा भी भारत के पक्ष मे हैं और विपक्षी को कमजोर करती हैं और दोस्ताना वयवहार करने को प्रेरित करती हैं।
शनि का प्रत्यंतर चल रहा हैं अतः वक्री शनि कोई भी आक्रामक कदम नहीं उठाने देंगे।
अतः युद्ध होने कि सम्भावना ना के बराबर है।
तीसरे भाव एवं नवे भाव के सबलार्ड शनि हैं जो वक्री हैं। शनि विश्वास कायम नहीं होने देंगे और शनि तीसरे भाव एवं नवे भाव का सबलार्ड होने से झूठ खबर भी दर्शाते हैं अतः इस प्रकरण मे दोनों पक्ष ही कई तरह की भ्रामक जानकारी से एक दूसरे को भ्रम मे रखने का प्रयास करेंगे।
सितम्बर 2020 के बाद शुक्र महादशा मे बुध की अन्तर्दशा होगी जो परिस्थिति को सुगम करेगी और भारत को और शक्तिशाली रूप देगी।
सप्रेम
अनुरोध
Comments
Post a Comment
Have a blessed time ahead.